AIIMS और PGI जैसे संस्थान क्यों किसी भी बिमारी का उपचार नहीं कर पाते। वहां सिर्फ वही बिमारी ठीक होती है जो गाँव के क्वैक अथवा ग्रामीण चिकित्सक भी ठीक कर सकते हैं।
उपर्युक्त बात से शायद आम लोग सहमत नहीं होंगे। इसकी वजह है
- इन संस्थाओं में जो लोग जाते हैं वह काफी प्रतिभाशाली होते हैं
- क्योंकि वह सरकारी नौकरी करते हैं इसलिए उनका कोई वजह नहीं होता कि वह उपचार ना करें
- देश के गण्य-मान्य लोग जैसे मिनिस्टर इत्यादि इन्हीं संस्थानों में उपचार पाते हैं
- देश का सबसे प्रतिभाशाली डॉक्टर इन्हीं संस्थानों में नौकरी करते हैं
- इन प्रतिष्ठानों में प्रवेश पाने के लिए कठिन प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है
तो फिर निश्चित ही इन संस्थानों के उपचार में संदेह करना बिलकुल ही गलत और बेवकूफी भरा कार्य होगा .
आम लोगों के विवेक से ठीक पलट इन संस्थानों में आजतक निम्नलिखित बीमारियों का एक भी उदहारण नहीं है जो पूर्णतः ठीक हो गया हो
- डायबिटीज से अंधापन
- किडनी फेलियर जो डायलिसिस पर हों
- कैंसर जो पूरे शरीर में फ़ैल गया हो
- गठिया
- मानसिक रोग
इत्यादि -इत्यादि जैसे रोग जो गाँव के क्वेक ठीक नहीं कर पाते वह बीमारियां AIIMS जैसे संस्थान भी ठीक नहीं करते ,
आखिर योग्यता से अच्छे परिणाम क्यों नहीं ले पाते लोग