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बांझपन के क्या वजह होते हैं 

पुरुष अथवा स्त्री में खराबी की वजह से बांझपन अथवा निह्संतानता  हो सकते हैं . पुरुष में शुक्राणु की कमी अथवा सेक्स की समस्या अथवा दोनों ही वजह से बांझपन हो सकते हैं. स्त्रियों में बांझपन की वजह फेलोपियन ट्यूब  का बंद होना, अंडा का नहीं बनना, मासिक की खराबी इत्यादि हो सकते हैं.

नवीनतम अनुसंधानों के अनुसार जिन लोगों में सेक्स की कमी होती है उसमें धीरे धीरे शुक्राणु की कमी भी हो जाती है. उसी तरह जिन महिलाओं में मोटापा अथवा थाइरोइड की समस्या होती है उनमें भी फल्लोपियन ट्यूब का बंद होना आम बात है.

पुरुषों में बांझपन का वैज्ञानिक विश्लेषण 

पिछले कई वर्षों से वैज्ञानिक अनुसंधानों में देखा गया है कि जिन पुरुषों में मोटापा, हृदयरोग, डायबिटीज इत्यादि होते हैं उनमें सेक्स की समस्या पायी जाती है और उन्हीं लोगों में बांझपन की भी समस्या होती हैं . पिछले कई वर्षों में डॉ. विजय राघवन ने अपने मरीजों के मेटाबोलिक उपचार में पाया है कि डायबिटीज, मोटापा इत्यादि के मेटाबोलिक उपचार से सेक्स की समस्या स्वतः ख़त्म हो जाती हैं, और उन लोगों को संतान प्राप्ति भी स्वतः ही हो जाती है.

मेटाबोलिक उपचार को बांझपन आधारित समस्याओं के निदान के लिए डॉ. विजय राघवन ने प्रोटोकॉल तैयार किये हैं.  उन प्रोटोकॉल को लागू करने पर पाया गया है कि बांझपन चाहे शुक्राणु की कमी से हो अथवा सेक्स की समस्या से मेटाबोलिक उपचार से प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्ति संभव हैं.

स्त्रियों में बांझपन का वैज्ञानिक विश्लेषण 

स्त्रियों में फेलोपियन ट्यूब का बंद होना अथवा अंडा का नहीं बनना आम हो गये हैं. हमारे अनुसंधान केंद्र में हमने पाया है कि ज्यादातर मामलों में कुपोषण, मोटापा, डायबिटीज इत्यादि की वजह से स्त्रियों में बांझपन की समस्या पायी जाती है. मसलन लम्बे समय के कुपोषण से थाइरोइड की कमी हो जाती है और व्यक्ति कई तरह की बीमारियों के चक्रव्यूह में फंस जाता है. इसके बाद इन बीमारियों का लक्षण आधारित उपचार से कोई फायदा जब नहीं मिलता तो वैसे लोगों को मेटाबोलिक उपचार जरूर अपनानी चाहिए.

क्यों मेटाबोलिक उपचार ही बांझपन का वैज्ञानिक उपचार है 

इस तरह हमने पाया है कि पुरुष अथवा स्त्री दोनों में ही मेटाबोलिक कारणों अथवा कुपोषण इत्यादि की वजह से ही बांझपन इत्यादि की समस्या होती है. इसलिए लोगों को टेस्ट ट्यूब अथवा कृत्रिम  गर्भधारण की प्रक्रिया से पहले मेटाबोलिक उपचार अपनानी चाहिए.

टेस्ट  ट्यूब बेबी की प्रक्रिया विफल क्यों हो जाती है 

टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया तब तक परिणाम नहीं दे सकती जबतक आप मेटाबोलिक उपचार नहीं अपनाते. मेटाबोलिक उपचार से प्रजनन तंत्र स्वस्थ हो जाते हैं और व्यक्ति में प्रजनन की क्षमता बढ़ जाती है. मेटाबोलिक उपचार से स्त्रियों में अंडा भी बेहतर बनता है, जिससे टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया में बेहतर परिणाम आते हैं.

बिना मेटाबोलिक उपचार कराये टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया नहीं करवानी चाहिए, जाने क्यों 

मेटाबोलिक उपचार से टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया में बेहतर परिणाम आते हैं. ज्यादातर मामलों में मेटाबोलिक उपचार से ही संतान प्राप्ति हो जाती है और लंबे और कम रिजल्ट देने वाले प्रक्रियाओं में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती.

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