Obesity is a dangerous form of malnutrition. Diet Restriction or morning walk cannot solve this problem.
Obesity is a form of malnutrition which finally lead to heart failure, kidney failure, sexual dysfunction, diabetes etc. Exercise or diet restriction cannot solve this problem. Common men are totally misguided on this issue. The more you restrict your diet or do more exercises finally lead to more obesity and cardiac failure. मोटापा में मेटाबोलिक उपचार कारगर है और आप सेक्स की समस्या, हृदयाघात इत्यादि से भी बच जाते हैं. मोटापा के उपचार में अपनी सोच बदलें और सहायता के लिए कॉल करें: +91-9102851937, 09801157478, 8969898579
मोटापा में मेटाबोलिक उपचार के फायदे
- मोटापा से मुक्ति.
- मेटाबोलिक उपचार में शरीर का फैट घटता है, मांसपेशी नहीं.
- डायबिटीज और उच्च रक्तचाप से मुक्ति.
- मानसिक समस्या जैसे डिप्रेशन, सुस्ती इत्यादि से मुक्ति.
- शारीरिक कुपोषण भी ठीक हो जाता है.
मोटापा का मेटाबोलिक सिद्धांत
चिकित्सा के नवीनतम सिद्धांत में मोटापा को एक अलग बीमारी के तौर पर देखा जाता है. पोषक पदार्थों की कमी की वजह से मोटापा होता है न कि ज्यादा खाने से.
- जो हम खाते हैं जैसे- जेनेटिकली मॉडिफाइड फ़ूड, प्रोसेस्ड फ़ूड, अत्यधिक कार्बोहायड्रेट और रिफाइंड तेल से शरीर की कोशिकाओं में inflammation होता है.
- पेट में खाद्य पदार्थ को पचाने की शक्ति घट जाती है.
- खून में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है तथा और भी कई तरह के परिवर्तन होते हैं.
- शरीर कुपोषण का शिकार हो जाता है और व्यक्ति को ज्यादा भूख लगती है. जब व्यक्ति ज्यादा खाता है, वह भोजन भी पोषण विहीन होता है जिससे मोटा व्यक्ति और मोटा होता चला जाता जाता है अर्थात शरीर और भी कुपोषित हो जाता है.
इस प्रकार, जो व्यक्ति मोटापा का शिकार होते हैं उन्हें और भी बीमारी हो जाता है जैसे- उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, डायबिटीज, मानसिक अवसाद, पेट की खराबी, सुस्ती इत्यादि. इस तरह आप खुद ही समझ सकते हैं कि मोटापा में Bariatric सर्जरी एक फ़ालतू चिकित्सा है.
आखिर मोटापा का वर्तमान चिकित्सा क्यों है खतरनाक?
मोटापा एक शारीरिक बचाव प्रक्रिया है. हमारे खान-पान में टोक्सिन होता है और शरीर में भी टोक्सिन बनता रहता है. अब इस टोक्सिन को बेअसर करने के लिए शरीर में चर्बी बनता है. हमारे खान-पान में पोषक तत्वों की कमी होती है जिस वजह से व्यक्ति को खाने के बाद भी भूख लगी रहती है और चिकित्सक उसे ऐसा खान-पान और उपचार बताते हैं जिससे उसका शरीर और कुपोषित हो जाता है. व्यक्ति कुपोषण के इस चक्रव्यूह में फंस जाता है तथा और मोटा हो जाता है. कमजोर और मोटा व्यक्ति जब ज्यादा व्यायाम करके अपने वजन को कम करने की कोशिश करता है तो वसा में छिपा हुआ विषाणु खून में आ जाता है. जिसके दुष्परिणाम से व्यक्ति को हृदयाघात और मानसिक बीमारी हो जाती है. और व्यक्ति के मोटापा में कोई फर्क नहीं पड़ता. यही बात हृदयाघात, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, आदि बीमारियों में भी होता है. आप जब तक मेटाबोलिक उपचार नहीं अपनाएंगे तब तक आप मोटापा के इस जाल (Trap of Obesity Industry) में फंसे रहेंगे. बिना मेटाबोलिक उपचार के आप इन बीमारियों से मुक्ति नहीं पा सकते.
परम्परागत एलोपैथिक चिकित्सा में Obesity को बहुत सारी बिमारियों का कारण माना गया जैसे- ब्लड प्रेशर, हृदयाघात, डायबिटीज इत्यादि. इसके उपचार के तौर पर बहुत सारी प्रक्रियाएं की गयी जैसे- Bariatric Surgery, Fat free diet, दवाएं जिससे फैट का Absorption कम हो, व्यायाम इत्यादि. परन्तु इन सब प्रक्रियाओं से Obesity में कोई फर्क नहीं पड़ता, इसलिए एलोपैथी का पुराना सिद्धांत Obesity का उपचार करने में पूर्णतः विफल रहा. पुराने उपचार पद्धति में वसायुक्त भोजन को ओबेसिटी का मुख्य कारण माना गया. परन्तु उपर्युक्त सिद्धांत के आधार पर जो भी उपचार विकसित हुआ वो पूर्णतः विफल साबित हुआ.
मोटापा का एकमात्र कारगर उपाय मेटाबोलिक उपचार ही क्यों है:
मेटाबोलिक उपचार मोटापा के नवीनतम अनुसंधानों पर आधारित है. यह उपचार मोटापा की वजह को ही खत्म कर देता है इस वजह से मोटापा तो दूर होता ही है इसके साथ साथ डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग, किडनी की खराबी भी ठीक हो जाता है. इसलिए मोटापा को पालकर रखना पूर्णतः गलत है.
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